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सिंधु घाटी सभ्यता – Indus Valley Civilization in Hindi -04

Posted on March 21, 2025 by VIKASS

सिंधु घाटी सभ्यता Indus Valley Civilization in hindi –  🚀 Revise faster than ever with just 20% effort for 100% results! Perfect for last-minute exam prep—no time wasted. 🔥 Don’t miss these game-changing notes! …

  • अन्य नाम – हड़प्पा संस्कृति (1921, दयाराम साहनी)
  • काल – प्रोटो-ऐतिहासिक, कांस्य युगीन, भारत की प्रथम नगरीय सभ्यता
  • काल निर्धारण (रेडियोकार्बन डेटिंग) – 2350-1750 ई.पू.

सिंधु सभ्यता के कालखंड

  1. पूर्व-हड़प्पा काल (3500-2600 ई.पू.) – कोटदीजी, सिसवल, दंबसादात, आमरी-नाल
  2. परिपक्व हड़प्पा काल (2600-1900 ई.पू.) – हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हुदड़ो, लोथल, कालीबंगा, बनावली

उत्तर-हड़प्पा काल (1900-1300 ई.पू.)

सिंधु सभ्यता का विस्तार

  • भारत-पाकिस्तान में लगभग 1500 स्थल
  • क्षेत्र – त्रिभुजाकार, कुल क्षेत्रफल: 1,299,600 वर्ग किमी

हड़प्पा (1921, दयाराम साहनी)

  • स्थान – पाकिस्तान, मोण्टगोमरी जिला, रावी नदी के बाएं तट पर
  • विशेषताएँ –
    • स्वस्तिक चिन्ह प्राप्त
    • छह अन्नागार (ईंटों के चबूतरे पर दो पंक्तियों में)
    • फर्श की दरारों में गेहूं और जौ के दाने मिले

सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थल: एक दृष्टि में

प्रमुख स्थलउत्खननकर्तावर्षनदीवर्तमान स्थान
हड़प्पादयाराम साहनी1921रावीमोंटगोमरी, पंजाब (पाकिस्तान)
मोहनजोदड़ोराखालदास बनर्जी1922सिंधुलरकाना, सिंध (पाकिस्तान)
सुतकागेन्डोरआरेल स्टाइन1927दाश्कबलूचिस्तान (पाकिस्तान)
चान्हूदड़ोगोपाल मजूमदार1931सिंधुसिंध (पाकिस्तान)
कालीबंगाबी.के. थापर, बृजवासी लाल1953घग्गरहनुमानगढ़, राजस्थान
कोटदीजीफजल अहमद मादर1953सिंधुखैरपुर, सिंध (पाकिस्तान)
रंगपुररंगनाथ राव1953-54–काठियावाड़, गुजरात
रोपड़यज्ञदत्त शर्मा1953-56सतलजरोपड़, पंजाब
लोथलरंगनाथ राव1957-58भोगवाअहमदाबाद, गुजरात
आलमगीरपुरयज्ञदत्त शर्मा1958हिंडनमेरठ, उत्तर प्रदेश
बनवालीआर.एस. बिष्ट1974रंगोईहिसार, हरियाणा
धौलावीराआर.एस. बिष्ट1985-90–कच्छ, गुजरात

मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) – प्रमुख विशेषताएँ

  • सबसे बड़ा स्थल
  • विशाल स्नानागार (11.88m × 7.01m × 2.43m)
  • सबसे बड़ी इमारत: अन्नागार (45.71m × 15.23m)
  • पशुपति महादेव की मुहर (त्रिशीर्ष देवता, पद्मासन मुद्रा)
  • कूबड़ वाले बैल की मुहर
  • नर्तकी की कांस्य मूर्ति
  • सूती वस्त्र के प्रमाण

सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थल

1. कालीबंगा (काले रंग की चूड़ियाँ)

  • जूते हुए खेत के साक्ष्य (दो फसली कृषि)
  • जल निकास प्रणाली का अभाव
  • मुगल शवाधान के प्रमाण
  • अलंकृत ईंटें व अग्निकुंड
  • एक पल्लेवाले दरवाजे वाले मकान

2. लोथल (लघु हड़प्पा / लघु मोहनजोदड़ो)

  • हड़प्पाकालीन बंदरगाह नगर
  • चावल उपजाने के अवशेष (1800 ई.पू.)
  • अन्न पीसने की चक्की, फारस की मुहरें, नाव के साक्ष्य
  • पंचतंत्र की कहानी से मिलता-जुलता चित्रित मृदभांड

3. चान्हूदड़ो

  • मनके और गुड़िया बनाने का कारखाना
  • लिपस्टिक, बैलगाड़ी व इक्कागाड़ी के अवशेष
  • बिल्ली का पीछा करते कुत्ते के पैरों के निशान

4. रंगपुर

  • मादर नदी के तट पर स्थित (गुजरात)
  • धान की भूसी के साक्ष्य
  • कच्ची ईंटों का दुर्ग

5. धौलावीरा

  • भारत में स्थित सिंधु सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा नगर
  • नगर तीन भागों में विभाजित: दुर्ग, मध्यनगर, निचला नगर
  • हड़प्पा सभ्यता का एकमात्र क्रीड़ागार
  • जल प्रबंधन एवं संरक्षण प्रणाली
  • गिरा हुआ उत्कीर्ण लेख (संभवतः साइनबोर्ड)
  • 2021 में यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल

6. राखीगढ़ी (हरियाणा)

  • भारत में सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल
  • 1963 में खोज (सूरजभान)
  • घग्घर नदी के किनारे स्थित
  • पाँच पुरातात्त्विक टीले

सिंधु घाटी सभ्यता

महत्वपूर्ण तथ्य

  • लोहे का ज्ञान नहीं था
  • सुरकोटदा में घोड़े की हड्डियों के साक्ष्य
  • लिंग पूजक, जबकि आर्य प्रकृति पूजक
  • भूमध्यसागरीय प्रजाति के निवासी (मोहनजोदड़ो)
  • मुख्यतः लाल और गुलाबी रंग के मिट्टी के बर्तन
  • संभावित दास प्रथा

सामाजिक जीवन

  • संभवत: मातृसत्तात्मक समाज (मातृदेवी की पूजा)
  • शांतिप्रिय, शाकाहारी व मांसाहारी दोनों
  • पुरुष व महिलाएँ आभूषण पहनते थे
  • मनोरंजन के साधन: पासे का खेल, पशु लड़ाई, नृत्य
  • यातायात: बैलगाड़ी का प्रयोग
  • टेराकोटा: आग में पकी मिट्टी की मूर्तियाँ

धार्मिक जीवन

  • मातृदेवी की उपासना प्रमुख
  • मोहनजोदड़ो की पशुपति शिव मुहर प्रसिद्ध
  • गर्भ से निकलते पौधे वाली मूर्तिका (उर्वरता देवी)
  • कुबड़वाले बैल व फाख्ता की पूजा
  • वृक्ष पूजा प्रचलित, मंदिरों के प्रमाण नहीं

आर्थिक जीवन

  • मुख्य व्यवसाय: पशुपालन, कृषि, उद्योग
  • हल से अनभिज्ञ, लकड़ी के कुदालों से खेती
  • कालीबंगा में जुताई के साक्ष्य
  • गेहूँ व जौ मुख्य खाद्यान्न (बनवाली में बढ़िया जौ)
  • कपास की सबसे पहले खेती
  • नदी व तालाबों से सिंचाई (नहरों के प्रमाण नहीं)

व्यापार

  • वस्त्र उद्योग मुख्य (मोहनजोदड़ो केंद्र)
  • सूती व ऊनी वस्त्रों का प्रयोग
  • चान्हूदड़ो व लोथल में मनका व गुड़िया निर्माण
  • व्यापार वस्तु-विनिमय प्रणाली पर आधारित
  • विदेशी व्यापार: इराक, ईरान, बहरीन, मिस्र
  • दिलमन (बहरीन), माकन (मकरान तट), मेलुहा (सिंधु क्षेत्र)

शवाधान

  • मुख्यतः गर्तों में दफनाने की प्रथा
  • कहीं-कहीं शवदाह व आंशिक समाधीकरण

मुहरें एवं बाट

  • बनवाली (हरियाणा): मिट्टी का हल का प्रतिरूप मिला।
  • सैंधव मुद्राएँ: मुख्यतः सेलखड़ी (Steatite) से बनीं।
  • रंगपुर: बाजरे की खेती के प्रमाण।
  • विनिमय प्रणाली: बाटों द्वारा नियंत्रित, चर्ट नामक पत्थर से बने बाट (16, 64, 160, 320, 640 के गुणक)।
  • अब तक 2000 से अधिक मुहरें (सील) प्राप्त हुईं।

हड़प्पाई लिपि

  • चित्रलेखात्मक (Pictographic), गोमुत्रिका पद्धति (Boustrophedon Style)
  • अब तक 375-400 चित्राक्षर मिले, पढ़ी नहीं जा सकी।

नगर योजना एवं विशेषताएँ

  • सबसे महत्वपूर्ण विशेषता: सिड पद्धति पर आधारित नगर योजना।
  • आलमगीरपुर: यहाँ से एक भी मुहर नहीं मिली।
  • सरस्वती नदी: जहाँ बहती थी, वह क्षेत्र “विनशन” कहलाता था।
  • हड़प्पाकालीन नगर आयताकार खंडों में विभाजित।
  • समुद्रतटीय नगर: सुतकार्गेडोर, सुरकोतदा।
  • निवास व्यवस्था: दुर्ग पश्चिम में, बस्ती पूर्व में।
  • दरवाजे-खिड़कियाँ मुख्य सड़क की ओर नहीं खुलते, लोथल अपवाद।

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