Constituent Assembly of Independent India –
✅ क्या था Constituent Assembly?
- एक सभा (Assembly) जिसमें भारत के लोग चुने गए थे ताकि भारत का संविधान (Constitution) बना सकें।
🟡 Important Dates & Facts
| 🔢 Topic | 📅 Details |
| First Idea of Constituent Assembly | 1934 – M.N. Roy ने दिया |
| Demand by INC | 1935 – Indian National Congress ने की |
| Formation | 1946 – Under Cabinet Mission Plan |
| First Meeting | 9 Dec 1946 – Total ~208 Members present |
| Members (Initially) | 389 |
| Members (After Partition) | 299 (for India only) |
🧑⚖️ Who Made the Constitution?
- Constitution was made by: Constituent Assembly
- ⚠️ Common Confusion:
- Dr. B.R. Ambedkar = Father of Indian Constitution (due to his major role)
- But Constitution was made by the Constituent Assembly, not by him alone.
🧠 Temporary & Permanent President
| 🔸 Type | 👤 Name | 📅 Date |
| Temporary President (अस्थायी अध्यक्ष) | Dr. Sachchidanand Sinha | 9 Dec 1946 |
| Permanent President (स्थायी अध्यक्ष) | Dr. Rajendra Prasad | 11 Dec 1946 |
| First Speech in Assembly (Maiden Speech) | J.B. Kripalani | 9 Dec 1946 |
📝 Extra Key Points
- British Rule in India:
- पहले व्यापार के लिए आए → फिर शासन शुरू कर दिया (EIC → British Crown)
- 1947 तक British Rule रहा।
- Cabinet Mission Plan (1946):
- इसी के तहत Constituent Assembly का गठन हुआ।
- Assembly का Function:
- संविधान बनाना
- Future Government Structure Decide करना
❗ Exam Tips
- \”Who proposed the idea of CA?\” → M.N. Roy
- \”When did INC demand CA?\” → 1935
- \”Total members in CA initially?\” → 389
- \”After Partition?\” → 299
- \”Temporary President?\” → Sachchidanand Sinha
- \”Permanent President?\” → Dr. Rajendra Prasad
- \”First speech in Assembly?\” → J.B. Kripalani
भारतीय संविधान सभा –
📅 महत्वपूर्ण तिथियाँ:
- 9 दिसंबर 1946: संविधान सभा की पहली बैठक (First meeting)
➤ टेंपरेरी प्रेसिडेंट: डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा - 11 दिसंबर 1946:
➤ स्थायी अध्यक्ष (Permanent President): डॉ. राजेंद्र प्रसाद
➤ उपाध्यक्ष (Vice President): एच.सी. मुखर्जी
🧠 संवैधानिक सलाहकार (Constitutional Advisor):
- बी.एन. राव (B. N. Rau)
📜 उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution):
- 13 दिसंबर 1946:
➤ प्रस्ताव पेश करने वाले: जवाहरलाल नेहरू
➤ उद्देश्य: नागरिकों के मूल अधिकार, स्वतंत्रता, समानता, धर्म की स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकता आदि। - 22 जनवरी 1947:
➤ उद्देश्य प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया
➤ आगे चलकर यही प्रस्ताव \”प्रस्तावना (Preamble)\” बना
➤ प्रस्तावना को ही \”संविधान की आत्मा (Soul of the Constitution)\” कहा जाता है।
📘 ड्राफ्टिंग कमेटी (Drafting Committee):
- गठन: 29 अगस्त 1947
- अध्यक्ष: डॉ. भीमराव अंबेडकर
- सदस्य संख्या: 7
- ➤ डॉ. अंबेडकर को \”Father of Indian Constitution\” कहा जाता है।
❗ महत्वपूर्ण ट्रिकी प्रश्न:
- Who was the first President of the Constituent Assembly?
- Ans: डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा (Temporary)
- Who was the President of the Constituent Assembly of Independent India?
- Ans: डॉ. राजेंद्र प्रसाद (From 11 Dec 1946 onward, including post-15 Aug 1947)
- Who proposed the idea of a Constituent Assembly first?
- Ans: एम. एन. रॉय (M. N. Roy) – in 1934
संविधान सभा और प्रारूपण :
🟠 संविधान सभा और अस्थायी अध्यक्ष:
- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा – संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष थे। वे सबसे उम्रदराज सदस्य थे, इसलिए शुरुआत में उन्हें यह भूमिका दी गई थी।
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद – वे संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष और भारत के पहले राष्ट्रपति बने (24 जनवरी 1950 को चुने गए)।
🟢 प्रमुख सदस्य और भूमिकाएँ:
- डॉ. भीमराव अंबेडकर – संविधान प्रारूप समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष। उन्हें \”Father of Indian Constitution\” भी कहा जाता है।
- के. एम. मुंशी – Drafting Committee के सदस्य और ऑर्डर ऑफ बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष।
- बी. एन. राव – भारत के संविधान के संवैधानिक सलाहकार (Constitutional Advisor) थे।
🗓️ महत्वपूर्ण तिथियाँ:
| तिथि | घटना |
| 26 नवम्बर 1949 | संविधान को अंगीकृत (adopted) किया गया |
| 26 जनवरी 1950 | संविधान लागू (implemented) हुआ — यह दिन गणतंत्र दिवस (Republic Day) बना |
| 15 अगस्त 1947 | भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई |
| 24 जनवरी 1950 | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति चुने गए |
📜 पूर्ण स्वराज और 26 जनवरी का महत्व:
- 1929 में लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई।
- 26 जनवरी 1930 को पहला पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया।
- इसी दिन की स्मृति में संविधान को लागू करने की तिथि 26 जनवरी चुनी गई।
📕 संविधान की प्रस्तावना (Preamble) के प्रमुख शब्द:
\”We, the People of India, having solemnly resolved to constitute India into a Sovereign Socialist Secular Democratic Republic and to secure to all its citizens…\”
🧾 शब्दों के अर्थ:
- Republic: देश का मुखिया जनता द्वारा चुना जाता है (elected head of state)।
- Democracy: सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है — \”By the people, for the people, of the people\”।
- Socialist: सामाजिक व आर्थिक समानता।
- Secular: धर्म-निरपेक्षता।
- Sovereign: पूर्ण स्वतंत्रता।
🧠 महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची:
| बिंदु | उत्तर |
| संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष | सच्चिदानंद सिन्हा |
| संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
| Drafting Committee के अध्यक्ष | डॉ. भीमराव अंबेडकर |
| Father of Indian Constitution | डॉ. भीमराव अंबेडकर |
| संविधान कब अंगीकृत हुआ? | 26 नवम्बर 1949 |
| संविधान कब लागू हुआ? | 26 जनवरी 1950 |
| पहली बार \”पूर्ण स्वराज\” कब घोषित हुआ? | 1929, लाहौर अधिवेशन |
| पहली बार \”पूर्ण स्वराज दिवस\” कब मनाया गया? | 26 जनवरी 1930 |
| अधिकतम प्रतिनिधित्व किस राज्य से? | यूनाइटेड प्रोविंस (अब उत्तर प्रदेश) |
फेडरेशन एंड पार्लियामेंट्री सिस्टम
- ब्रिटिश भारत प्रांतों के सत्र का सिद्धांत दिया गया था।
- द प्रिंसिपल ऑफ फेडरेशन एंड पार्लियामेंट्री सिस्टम को द्विसदनीय (bicameral) बनाया गया था।
- फेडरल कोर्ट की स्थापना 1937 में हुई थी, जो आज का सुप्रीम कोर्ट बन गया।
- सुप्रीम कोर्ट की नींव 1935 के एक्ट के तहत कोलकाता में फेडरल कोर्ट के रूप में रखी गई थी।
- 28 जनवरी 1950 को इस फेडरल कोर्ट का नाम बदलकर सुप्रीम कोर्ट कर दिया गया।
कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया
- कब लागू हुआ?
- लागू हुआ: 26 जनवरी 1950
- इसे \”केम इनू फोर्स\” कहते हैं।
- प्रस्तावना (Preamble)
- संविधान का परिचय (Introduction of Constitution)
- इसे संविधान की आत्मा (Soul of Constitution) और संविधान का आइडेंटिटी कार्ड भी कहा जाता है।
- प्रस्तावना में संविधान के गाइडिंग वैल्यूस और कारण बताए गए हैं।
- प्रस्तावना के शब्द
- 42वें संविधान संशोधन (1976) में तीन शब्द जोड़े गए:
- Socialistic (सामाजिक)
- Secular (धर्मनिरपेक्ष)
- Integrity (अखंडता)
- 42वां संविधान संशोधन
- इसे \”मिनी कॉन्स्टिट्यूशन\” भी कहा जाता है क्योंकि इसने बहुत सारे बदलाव किए।
- 1976 में हुआ।
- यह शब्दों को जोड़ा जिससे संविधान की पहचान और मजबूत हुई।
महत्वपूर्ण तथ्य
- ऑब्जेक्टिव रेज़ोल्यूशन
- 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने इसे लाया था।
- 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा ने इसे सर्वसहमति से पास किया।
- सरदार वल्लभ भाई पटेल
- लौह पुरुष (Iron Man) के नाम से प्रसिद्ध।
- भारत के प्रिंसली स्टेट्स को मिलाने का काम किया।
- 1928 में बारदोली की महिलाओं ने उन्हें \”सरदार\” की उपाधि दी।
Indian Constitution has a total of 12 Schedules/ अनुसूचियां
- कुल 12 शेड्यूल हैं।
- संविधान लागू होने के वक्त 8 थे, बाद में 4 जोड़े गए।
| अनुसूचियां | हिंदी में |
| 1 | राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सूची |
| 2 | वेतन एवं भत्ते |
| 3 | शपथ |
| 4 | राज्यसभा सीट बंटवारा |
| 5 | अनुसूचित जाति और जनजाति के क्षेत्र में विशेष प्रावधान |
| 6 | एसटी एरिया प्रशासन |
6ठा, 7वां, 8वां अनुसूचियां और केंद्र-राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन
6ठा अनुसूचियां:
- सरकार कुछ खास राज्यों के लिए विशेष प्रावधान बना सकती है।
- 6ठा शेड्यूल उन चार राज्यों के लिए है: असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम।
7वां अनुसूचियां: केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन
- केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का बँटवारा होता है।
- इसमें तीन सूचियाँ होती हैं:
- यूनियन लिस्ट (केंद्र सूची): केंद्र सरकार के अधिकार।
- स्टेट लिस्ट (राज्य सूची): राज्य सरकार के अधिकार।
- कॉनकरेंट लिस्ट (समवर्ती सूची): केंद्र और राज्य दोनों मिलकर कानून बना सकते हैं।
यूनियन लिस्ट के उदाहरण:
- विदेश मामले (Foreign Affairs)
- रेलवे (Indian Railways)
स्टेट लिस्ट के उदाहरण:
- पुलिस (यूपी पुलिस, बिहार पुलिस आदि)
- स्थानीय प्रशासन
Concurrent List (समवर्ती सूची) के उदाहरण:
- शिक्षा (Education)
- केंद्रीय विद्यालय (केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए)
- राज्य विद्यालय (राज्य सरकार द्वारा बनाए गए)
अवशिष्ट शक्तियाँ (Residual Powers)
- जो शक्तियाँ उपरोक्त तीन सूचियों में नहीं आतीं, उन्हें अवशिष्ट शक्तियाँ कहते हैं।
- ये शक्तियाँ संसद के पास होती हैं।
- भविष्य में नई शक्ति आए तो उसका कानून संसद बनाएगी।
8वां अनुसूचियां: भाषाएँ
- पहले 14 भाषाएँ थीं, अब कुल 22 भाषाएँ संविधान में शामिल हैं।
- अंग्रेजी इस सूची में शामिल नहीं है, फिर भी लोग अंग्रेजी पढ़ते हैं।
- ये भाषाएँ संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
9वां और 10वां अनुसूचियां
- 9वां शेड्यूल: भूमि सुधार और ज़मींदारी प्रथा का उन्मूलन।
- 10वां शेड्यूल: एंटी-डिफेक्शन लॉ (दल-बदल कानून)।
- ये शेड्यूल संविधान संशोधन के माध्यम से जोड़े गए हैं।
संविधान संशोधन, पंचायती राज, और अनुसूचियां
1. दल-बदल कानून (Anti-Defection Law)
- 52वां संविधान संशोधन (1985) में जोड़ा गया।
- इसका मकसद: राजनीतिक दलों में बार-बार दलबदल (defection) रोकना।
2. स्थानीय स्वशासन (Local Government)
- दो प्रकार के होते हैं:
- ग्रामीण (Rural): पंचायती राज (Panchayati Raj)
- शहरी (Urban): नगर निगम/म्युनिसिपैलिटीज (Municipalities)
- पंचायती राज (Panchayati Raj):
- 73वां संविधान संशोधन (1992) में जोड़ा गया।
- लागू हुआ: 24 अप्रैल 1993 (इसीलिए 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है)।
- 11वीं अनुसूची (11th Schedule) में जोड़ा गया, जिसमें 29 विषय हैं जिन पर पंचायतें कानून बना सकती हैं।
- शहरी स्वशासन (Municipalities):
- 74वां संविधान संशोधन (1992) में जोड़ा गया।
- 12वीं अनुसूची (12th Schedule) में जोड़ा गया, जिसमें 18 विषय हैं।
3. अनुसूचियाँ (Schedules of Indian Constitution)
- पहली अनुसूची (1st Schedule): राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची।
- दूसरी अनुसूची (2nd Schedule): पैसों से जुड़े प्रावधान (राष्ट्रपति, गवर्नर, जजों की सैलरी आदि)।
- तीसरी अनुसूची (3rd Schedule): शपथ (Oath) का फॉर्मेट (मंत्री, जज आदि की शपथ)।
- सातवीं अनुसूची (7th Schedule): केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा (Union, State, Concurrent List)।
- आठवीं अनुसूची (8th Schedule): भारत की 22 आधिकारिक भाषाएँ।
Important One-Liners (एक लाइनर याद रखो!)
- भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- मूल संविधान (1950) में 395 अनुच्छेद (Articles) थे।
- बनने में समय लगा: 2 साल, 11 महीने, 18 दिन।
- दल-बदल कानून → 52वां संशोधन (1985)
- पंचायती राज → 73वां संशोधन (1992), 11वीं अनुसूची
- नगर निगम → 74वां संशोधन (1992), 12वीं अनुसूची
- केंद्र-राज्य शक्ति बँटवारा → 7वीं अनुसूची
- संविधान लागू हुआ → 26 जनवरी 1950
टिप: रटने के बजाय समझो!
- 73 (पंचायत) → 11वीं अनुसूची (गाँव में 29 विषय)
- 74 (नगर निगम) → 12वीं अनुसूची (शहर में 18 विषय)
1. भारतीय संविधान की संरचना (Parts & Schedules)
- कुल भाग (Parts):
- मूल संविधान (1950) में 22 भाग थे।
- वर्तमान में 25 भाग हैं (संशोधनों के बाद)।
- अनुसूचियाँ (Schedules):
- मूल संविधान में 8 अनुसूचियाँ थीं।
- अब 12 अनुसूचियाँ हैं (73वें और 74वें संशोधन से जुड़ी 11वीं और 12वीं अनुसूची जोड़ी गई)।
याद रखो:
- \”22 भाग → 8 अनुसूचियाँ \” (1950)
- \”25 भाग → 12 अनुसूचियाँ \” (अब)
2. शिक्षा का अधिकार (Right to Education – RTE)
- 86वां संविधान संशोधन (2002) द्वारा जोड़ा गया।
- दो जगह शामिल:
- मौलिक अधिकार (Fundamental Right): आर्टिकल 21A (6-14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा)।
- मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duty): आर्टिकल 51A(k) (माता-पिता या अभिभावक अपने बच्चे को 6 से 14 वर्ष की आयु के बीच शिक्षा के अवसर प्रदान करें।)।
फुल फॉर्म: RTE = Right To Education
3. संविधान की प्रस्तावना (Preamble) से जुड़े सिद्धांत
- \”Liberty, Equality, Fraternity\” (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) फ्रांस के संविधान से लिए गए हैं।
- Preamble में नहीं है: \”Provision\” (यह कोई सिद्धांत नहीं, बल्कि कानूनी व्यवस्था है)।
4. राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति (Ordinance Power)
- आर्टिकल 123: राष्ट्रपति संसद के सत्र न होने पर अध्यादेश जारी कर सकता है।
- कैसे काम करता है?
- संसद (लोकसभा + राज्यसभा) के अवकाश में अनिवार्य कानून बनाने के लिए।
- 6 सप्ताह तक वैध रहता है (संसद के सत्र शुरू होने के बाद)।
याद रखो:
- गवर्नर भी राज्य में आर्टिकल 213 के तहत अध्यादेश जारी कर सकता है।
5. संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ
वित्त एवं कर्मचारी समिति (Finance & Staff Committee):
- अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद (संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे)।
प्रारूप समिति (Drafting Committee):
- अध्यक्ष: डॉ. बी.आर. अंबेडकर।
संविधान सभा की पहली बैठक (9 Dec 1946):
- पहला भाषण: जे.बी. कृपलानी ने दिया (\”मेड इन स्पीच\”)।
एक लाइनर (Quick Facts)
- शिक्षा का अधिकार → 86वां संशोधन (2002), आर्टिकल 21A & 51A(k)
- Liberty, Equality, Fraternity / स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व → फ्रांस से लिया गया
- राष्ट्रपति का अध्यादेश → आर्टिकल 123
- संविधान सभा के वित्त समिति अध्यक्ष → डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- मूल संविधान में भाग → 22, अनुसूचियाँ → 8
टिप:
- \”फ्रांस से लिया → स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- \”86वां संशोधन → 8+6=14 (6-14 साल के बच्चों को शिक्षा)\” 😊
1. विधेयक (Bill) vs अधिनियम (Act)
- विधेयक (Bill): जब तक कानून संसद (लोकसभा + राज्यसभा) में चर्चा के दौरान है।
- अधिनियम (Act): जब राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर कर देता है।
प्रक्रिया:
- बिल → लोकसभा/राज्यसभा में पेश → पास हो → दूसरे सदन से पास हो → राष्ट्रपति के पास → हस्ताक्षर → Act बन जाता है।
2. राष्ट्रपति का अध्यादेश (Ordinance Power)
- आर्टिकल 123: राष्ट्रपति संसद के अवकाश में अध्यादेश जारी कर सकता है।
- शर्तें:
- 6 महीने तक वैध (संसद के सत्र शुरू होने के 6 सप्ताह के अंदर पास होना चाहिए)।
- अगर संसद पास नहीं करती, तो अध्यादेश खत्म हो जाता है।
राज्यपाल का अध्यादेश:
- आर्टिकल 213 में उल्लेखित (राज्य स्तर पर)।
याद रखो:
- \”123 → राष्ट्रपति\”, \”213 → राज्यपाल\”
3. संसद राज्य सूची (State List) पर कब कानून बना सकती है?
- आर्टिकल 249: जब राज्यसभा राष्ट्रहित में 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पास करे।
- उदाहरण: राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे (जैसे—शिक्षा, स्वास्थ्य)।
याद रखो:
- \”249 → राज्यसभा राज्य सूची पर कानून बनवाती है\”
4. 8वीं अनुसूची (8th Schedule) – भारतीय भाषाएँ
- मूल संविधान (1950) में 14 भाषाएँ थीं।
- अब 22 भाषाएँ हैं (संशोधनों से जोड़ी गईं)।
कुछ प्रमुख भाषाएँ: हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, तमिल, संस्कृत, उर्दू, सिंधी (1967 में जोड़ी गई)।
5. संविधान सभा की समितियाँ
ऑर्डर ऑफ बिजनेस कमेटी (Order of Business Committee):
- अध्यक्ष: के.एम. मुंशी
प्रारूप समिति (Drafting Committee):
- अध्यक्ष: डॉ. बी.आर. अंबेडकर
वित्त समिति (Finance Committee):
- अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
एक लाइनर (Quick Facts)
- अध्यादेश → आर्टिकल 123 (राष्ट्रपति), 213 (राज्यपाल)
- राज्यसभा राज्य सूची पर कानून बनवाती है → आर्टिकल 249
- 8वीं अनुसूची → 22 भाषाएँ
- ऑर्डर ऑफ बिजनेस कमेटी अध्यक्ष → के.एम. मुंशी
क्वासी-फेडरल सिस्टम (Quasi-Federal System)
- भारत का संविधान न तो पूरी तरह यूनिटरी (Unitary) है और न ही पूरी तरह फेडरल (Federal)।
- फीचर्स:
- फेडरल: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा (7वीं अनुसूची)।
- यूनिटरी: आपातकाल (Emergency) में केंद्र सभी शक्तियाँ अपने पास ले लेता है।
- यह कॉन्सेप्ट कहाँ से लिया गया?
- कनाडा के संविधान से (क्योंकि कनाडा में भी केंद्र मजबूत है)।
याद रखो:
- \”कनाडा → स्ट्रॉन्ग सेंटर वाला फेडरल सिस्टम\”
2. संसदीय प्रणाली (Parliamentary Form of Government)
- भारत की संसदीय प्रणाली ब्रिटेन (UK) से ली गई?
- ब्रिटेन से लिए गए फीचर्स:
- द्विसदनीय व्यवस्था (Bicameral Legislature): लोकसभा + राज्यसभा (UK में House of Commons + House of Lords)।
- प्रधानमंत्री की भूमिका (मंत्रिपरिषद का प्रमुख)।
- राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति (नाममात्र का प्रमुख)।
याद रखो:
- \”UK → संसदीय प्रणाली, द्विसदन\”
3. नागरिकता (Citizenship)
- भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त करें?
- जन्म से (By Birth): भारत में पैदा होने पर।
- वंशानुगत (By Descent): अगर माता-पिता में से कोई एक भारतीय है।
- पंजीकरण (By Registration): विवाह या लंबे समय तक निवास से।
- प्राकृतिककरण (By Naturalization):
- शर्त: भारत में 12 साल तक निवास (अंतिम 1 साल लगातार + पिछले 14 साल में 11 साल)।
याद रखो:
- \”नेचुरलाइजेशन → 12 साल (11+1)\”
4. संविधान सभा (Constituent Assembly)
- संविधान सभा के प्रमुख अध्यक्ष:
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद (संविधान सभा के अध्यक्ष)।
- ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष: डॉ. बी.आर. अंबेडकर।
- ऑर्डर ऑफ बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष: के.एम. मुंशी।
एक लाइनर (Quick Facts)
- क्वासी-फेडरल सिस्टम → कनाडा से लिया गया
- संसदीय प्रणाली → UK से ली गई
- नेचुरलाइजेशन से नागरिकता → 12 साल निवास
- संविधान सभा अध्यक्ष → डॉ. राजेंद्र प्रसाद
नागरिकता (Citizenship)
- भारतीय संविधान का भाग 2 (Part II): नागरिकता से संबंधित (आर्टिकल 5-11)।
- नागरिकता अधिनियम, 1955:
- 5 तरीके से नागरिकता मिलती है:
- जन्म से (By Birth)
- वंश से (By Descent)
- पंजीकरण से (By Registration)
- प्राकृतिककरण से (By Naturalization) → 12 साल भारत में रहने पर।
- क्षेत्र समावेशन (By Incorporation of Territory)
- 3 तरीके से नागरिकता छूटती है:
- स्वेच्छा से त्याग (Renunciation)
- सरकार द्वारा वापस लेना (Deprivation)
- अन्य देश की नागरिकता लेने पर (Termination)
याद रखो:
- \”नेचुरलाइजेशन → 12 साल (11+1)\”
- \”CAA (Citizenship Amendment Act) → 2019 में पास हुआ\”
2. न्यायपालिका की स्वतंत्रता (Independence of Judiciary)
- न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review):
- संविधान के अनुसार कानूनों की जाँच करने का अधिकार।
- यह अवधारणा कहाँ से ली गई? → अमेरिका (USA) के संविधान से।
याद रखो:
- \”न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review): → USA से लिया गया\”
3. पंचवर्षीय योजना (Five-Year Plans)
- भारत ने पंचवर्षीय योजना की अवधारणा सोवियत संघ (USSR) से ली?
- सोवियत संघ (USSR) से (जहाँ से हमने S-400 मिसाइल सिस्टम भी खरीदा)।
याद रखो:
- \”5-Year Plans → USSR से लिया गया\”
4. राज्यसभा के अप्रत्यक्ष चुनाव (Indirect Election of Rajya Sabha)
- दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के संविधान से।
5. गिरफ्तारी से संबंधित अधिकार (Rights Related to Arrest)
- आर्टिकल 22:
- गिरफ्तारी के लिए वारंट जरूरी।
- वकील से सलाह का अधिकार।
- 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना।
याद रखो:
- \”24 घंटे → आर्टिकल 22\”
6. आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions)
- भारतीय संविधान में 3 प्रकार के आपातकाल:
- राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) → आर्टिकल 352 (युद्ध/बाह्य आक्रमण/सशस्त्र विद्रोह)।
- राज्य आपातकाल (State Emergency) → आर्टिकल 356 (राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल)।
- वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) → आर्टिकल 360 (देश की वित्तीय स्थिरता खतरे में)।
याद रखो:
- \”352 → राष्ट्रीय, 356 → राज्य, 360 → वित्तीय\”
एक लाइनर (Quick Facts)
- नागरिकता → भाग 2 (आर्टिकल 5-11), 12 साल निवास
- जुडिशियल रिव्यू → USA से लिया गया
- राज्यसभा का अप्रत्यक्ष चुनाव → साउथ अफ्रीका से
- आपातकाल → 352 (राष्ट्रीय), 356 (राज्य), 360 (वित्तीय)
टिप:
- \”USA = जुडिशियल रिव्यू,,, USSR = 5-Year Plans,,, South Africa = राज्यसभा\” 😊
आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions)
- आर्टिकल 352: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency)
- कारण: युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह।
- लागू हुआ: 1962 (चीन युद्ध), 1971 (पाकिस्तान युद्ध), 1975 (इंदिरा गांधी द्वारा आंतरिक अशांति)।
- आर्टिकल 356: राज्य आपातकाल (State Emergency / President’s Rule)
- कारण: राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल होना।
- उपनाम: \”संवैधानिक आपातकाल\” (Constitutional Emergency)।
- आर्टिकल 360: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency)– अब तक कभी नहीं लगा।
याद रखो:
- \”352 → राष्ट्रीय, 356 → राज्य, 360 → वित्तीय\”
- \”1975 में इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का हवाला देकर आपातकाल लगाया\”
2. चुनाव आयोग (Election Commission)
- आर्टिकल 324: चुनाव आयोग को संवैधानिक दर्जा।
- लागू हुआ: 26 नवंबर 1949 (संविधान लागू होने से पहले ही)।
याद रखो:
- \”324 → चुनाव आयोग\”
3. मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)— अमेरिका
- आर्टिकल 19:
- वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech & Expression)
- अन्य अधिकार: शांतिपूर्वक सम्मेलन, संघ बनाने की स्वतंत्रता आदि।
- आर्टिकल 21:
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Life & Personal Liberty)
याद रखो:
- \”19 → बोलने की आजादी, 21 → जीने का अधिकार\”
4. प्रधानमंत्री की ड्यूटी (Duties of PM)
- आर्टिकल 78:
- राष्ट्रपति को सूचना देना और सलाह देना।
याद रखो:
- \”78 → PM की ड्यूटी राष्ट्रपति को सूचना देना\”
5. राजभाषा (Official Language)
- आर्टिकल 343:
- हिंदी भारत की राजभाषा (देवनागरी लिपि में)।
याद रखो:
- \”343 → हिंदी राजभाषा\”
6. कार्यपालिका की शक्तियाँ (Executive Powers)
- आर्टिकल 53:
- केंद्र सरकार की सभी कार्यपालिका शक्तियाँ राष्ट्रपति में निहित।
याद रखो:
- \”53 → राष्ट्रपति कार्यपालिका का प्रमुख\”
एक लाइनर (Quick Facts)
- आपातकाल → 352 (राष्ट्रीय), 356 (राज्य), 360 (वित्तीय)
- चुनाव आयोग → आर्टिकल 324
- मौलिक अधिकार → आर्टिकल 19 (बोलने की आजादी), 21 (जीने का अधिकार)
- PM की ड्यूटी → आर्टिकल 78
- राजभाषा → आर्टिकल 343 (हिंदी)
1. बाल श्रम पर प्रतिबंध (Prohibition of Child Labour)
- आर्टिकल 24: 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराना गैरकानूनी।
- अपवाद: स्कूल के बाद हल्का काम (लेकिन खतरनाक नौकरियाँ नहीं)।
याद रखो:
- \”24 → बच्चों को चाय की दुकान पर नहीं, स्कूल भेजो!\”
2. धर्म पर टैक्स नहीं (No Tax for Religious Promotion)
- आर्टिकल 27: किसी भी धर्म के प्रचार के लिए टैक्स नहीं लगाया जा सकता।
- उदाहरण: पहले जजिया टैक्स लगता था, अब नहीं।
याद रखो:
- \”27 → No Tax for Religion\”
3. राष्ट्रपति की वीटो पावर (President’s Veto Power)—— आर्टिकल 111
The Veto Power of the President is a constitutional power under which the President can prevent any bill passed by the legislature from becoming a law . This power gives him the option to “accept”, “withdraw” or “withhold” any bill passed by the legislature.
4. न्यायपालिका और कार्यपालिका का अलगाव (Separation of Judiciary from Executive)
- आर्टिकल 50 (DPSP): राज्य न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग रखेगा।
- मकसद: निष्पक्ष न्याय व्यवस्था।
5. रिट जारी करने की शक्ति (Writ Jurisdiction)
- सुप्रीम कोर्ट (आर्टिकल 32): फंडामेंटल राइट्स के उल्लंघन पर रिट जारी कर सकता है।
- हाई कोर्ट (आर्टिकल 226): फंडामेंटल + कानूनी अधिकारों के लिए रिट जारी कर सकता है।
याद रखो:
- \”32 → सुप्रीम कोर्ट, 226 → हाई कोर्ट\”
6. बजट (Annual Financial Statement)
- आर्टिकल 112: संसद में पेश होने वाला बजट आधिकारिक रूप से \”एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट\” कहलाता है।
याद रखो:
- \”112 → बजट का आर्टिकल\”
एक लाइनर (Quick Facts)
- बाल श्रम → आर्टिकल 24 (14 साल से कम उम्र पर बैन)
- धर्म पर टैक्स नहीं → आर्टिकल 27
- राष्ट्रपति की वीटो पावर → आर्टिकल 111
- न्यायपालिका-कार्यपालिका अलगाव → आर्टिकल 50 (DPSP)
- रिट → आर्टिकल 32 (SC), 226 (HC)
- बजट → आर्टिकल 112
स्वतंत्र भारत की संविधान सभा के पहले अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा थे. बाद में, डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष के रूप में चुना गया
Article 1 of Constitution
- Part 1: \”Union & Its Territories\” (Articles 1-4)
- Article 1: \”India, that is Bharat, shall be a Union of States.\”
- Meaning:
- India is a \”Union\” (not a \”Federation\” like USA).
- USA: 13 states united to form a federation (agreement-based).
- India: Always one nation, divided into states for administration.
Difference: Union vs. Federation
| India (Union) | USA (Federation) |
|---|---|
| Ek hi desh tha, states baad mein bane | 13 states ne milkar country banayi |
| Central govt strong, states weaker | States have more power (e.g., own constitution) |
| Example: Jammu & Kashmir (pre-2019) | Example: Texas, California |
Article 20– अपराधों के लिए सजा के संबंध में संरक्षण
Article 20
- Article 20 deals with protection against conviction for crimes.
- 3 main clauses under Article 20:
- No Ex-Post Facto Law (पीछे से लागू होने वाला कानून नहीं)
- No Double Jeopardy (दोहरी सजा नहीं)
- No Self-Incrimination (खुद के खिलाफ गवाही देने की मजबूरी नहीं)
Clause 1: No Ex-Post Facto Law
- Meaning:
- कोई भी कानून पीछे से लागू नहीं होगा।
- अगर आपने कोई काम किया और उस समय वह कानून के खिलाफ नहीं था, तो बाद में बने कानून के तहत आपको सजा नहीं मिलेगी।
- Example:
- अगर आपने 1 जून 2024 को 10 घंटे फोन चलाया, और 2 जून 2024 को कानून बना कि \”8 घंटे से ज्यादा फोन चलाना अपराध है\”, तो आपको सजा नहीं होगी क्योंकि जब आपने काम किया था, तब वह क्राइम नहीं था।
- Additional Rule:
- अगर किसी अपराध की सजा बढ़ा दी जाती है, तो पुराने मामलों में पुरानी सजा ही लागू होगी।
- Example:
- 2015 में किसी क्राइम की सजा 1 साल थी।
- 2020 में उसी क्राइम की सजा 5 साल कर दी गई।
- अगर आपने 2015 में वह क्राइम किया था, तो आपको 1 साल ही मिलेगा, 5 साल नहीं।
Clause 2: No Double Jeopardy
- Meaning:
- एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं मिलेगी।
- अगर कोर्ट ने एक बार फैसला दे दिया, तो दोबारा केस नहीं चलेगा।
- Example:
- अगर आपको चोरी के केस में बरी कर दिया गया, तो उसी चोरी के लिए दोबारा केस नहीं चलेगा।
Clause 3: No Self-Incrimination
- Meaning:
- किसी को भी खुद के खिलाफ गवाही देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
- Example:
- पुलिस आपसे पूछे: \”क्या तुमने यह क्राइम किया?\”
- आप चुप रह सकते हैं, झूठ बोल सकते हैं, या सच बोल सकते हैं – यह आपकी मर्जी।
- कोई आपको जबरदस्ती कबूलने पर मजबूर नहीं कर सकता।
Summary Table
| Clause | Meaning (हिंदी में) | Example |
|---|---|---|
| No Ex-Post Facto Law | पीछे से लागू होने वाला कानून नहीं। | 1 जून को किया काम, 2 जून को बना कानून – तो सजा नहीं। |
| No Double Jeopardy | एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं। | एक बार बरी हो गए, तो दोबारा केस नहीं। |
| No Self-Incrimination | खुद के खिलाफ गवाही देने की मजबूरी नहीं। | पुलिस के सामने चुप रहने का अधिकार। |
Important for Exams
- Article 20 is part of Fundamental Rights (मौलिक अधिकार) in the Indian Constitution.
- यह क्रिमिनल केस में नागरिकों की सुरक्षा देता है।
2. महत्वपूर्ण अनुच्छेद (मौलिक अधिकार)
| अनुच्छेद | क्या कहता है? | उदाहरण |
|---|---|---|
| 20 | अपराधों के लिए सजा के संबंध में संरक्षण | पुलिस \”कबूल करो!\” नहीं कह सकती। |
| 23 | मानव तस्करी व बेगारी पर प्रतिबंध। | बच्चों/मजदूरों से जबरन काम नहीं कराया जा सकता। |
| 24 | 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी नहीं। | फैक्ट्रियों में बाल मजदूरी गैरकानूनी। |
| 27 | किसी एक धर्म के लिए टैक्स नहीं लगाया जा सकता। | मंदिर/मस्जिद के लिए अलग टैक्स नहीं। |
| 30 | अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थान चलाने का अधिकार। | मदरसे, क्रिश्चियन स्कूल। |
राज्य विधानमंडल (अनुच्छेद 170)
- संरचना:
- विधानसभा, जिसे Legislative Assembly (LA) भी कहा जाता है, राज्यों की विधायिका होती है, जिसमें सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं, ठीक जैसे लोकसभा में। विधानसभा के सदस्यों को \’विधायक\’ (Member of Legislative Assembly – MLA) कहा जाता है.
- विधान परिषद, जिसे लेजिस्लेटिव काउंसिल LC भी कहा जाता है, राज्य विधानमंडल का ऊपरी सदन है। यह राज्यसभा के समान है, लेकिन राज्यों में होती है। वर्तमान में, भारत के केवल 6 राज्यों में विधान परिषद है: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक
- राज्यपाल: राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त।
- नियम:
- विधानसभा में अधिकतम 500 सीटें हो सकती हैं और न्यूनतम 60 सीटें होनी चाहिए। गोवा और सिक्किम जैसे कुछ राज्यों में यह संख्या 60 से कम है।
Legislative Council (Vidhan Parishad)
1. States with Legislative Council (Vidhan Parishad)– विधान परिषद [लेजिस्लेटिव काउंसिल]
वर्तमान में, भारत के केवल 6 राज्यों में विधान परिषद है
- Uttar Pradesh (UP)
- Bihar
- Maharashtra
- Karnataka
- Telangana
- Andhra Pradesh
Why only 6?
- कोई भी राज्य Article 169 के तहत विधान परिषद बना सकता है, लेकिन इन 6 राज्यों ने बनाई हुई है।
- Note: जम्मू-कश्मीर में पहले थी, लेकिन 2019 में हटा दी गई।
2. How to Create/Remove Legislative Council?
- Article 169 के अनुसार:
- बनाने के लिए:
- राज्य की विधानसभा साधारण बहुमत से Resolution पास करे।
- संसद (Parliament) बिल पास करके बनाती है।
- हटाने के लिए:
- उसी प्रक्रिया (Resolution + Parliament Approval)।
3. Seats in State Legislature
| House | Maximum Seats | Minimum Seats | Governed by |
|---|---|---|---|
| Vidhan Sabha | 500 (Fixed) | 60 | Article 170 |
| Vidhan Parishad | 1/3 of Vidhan Sabha | 40 | Article 171 |
Finance Commission (वित्त आयोग)
1. Key Points (Article 280)
- काम: केंद्र सरकार के टैक्स राजस्व को राज्यों में बाँटने की सिफारिश करना।
- गठन: राष्ट्रपति हर 5 साल में बनाता है।
- Example:
- अगर केंद्र के पास ₹2000 करोड़ है, तो Finance Commission तय करता है कि किस राज्य को कितना पैसा मिलेगा (जैसे UP को ₹500cr, Bihar को ₹300cr)।
2. Why Needed?
- राज्यों की कमाई कम, लेकिन खर्चा ज्यादा (सड़क, हॉस्पिटल, शिक्षा)।
- केंद्र सरकार अतिरिक्त पैसा राज्यों को देती है।
Exam Tricks
- विधान परिषद वाले 6 राज्य:
- \”UMBATK\” – UP, Maharashtra, Bihar, Andhra, Telangana, Karnataka.
- Finance Commission:
- \”5 साल, 280 आर्टिकल, राष्ट्रपति बनाएगा।\”
Expected Questions
- विधान परिषद किन राज्यों में है?
- UP, Bihar, Maharashtra, Karnataka, Telangana, Andhra Pradesh.
- Finance Commission किस आर्टिकल में है?
- Article 280
- विधानसभा की अधिकतम सीटें?
- 500 (Article 170)
1. वित्त आयोग (Finance Commission)
- अनुच्छेद 280:
- नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा (हर 5 साल)।
- काम: केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों की समीक्षा करना।
- अनुच्छेद 281: वित्त आयोग की सिफारिशें (Recommendations) इसी में आती हैं।
याद रखें:
- अपॉइंटमेंट → 280
- रिकमेंडेशंस → 281
2. 12वीं अनुसूची (12th Schedule)
- विषय: शहरी स्थानीय निकाय (नगर निगम/म्युनिसिपैलिटी)।
- जोड़ा गया: 74वें CA (1992) द्वारा।
- मुख्य बिंदु:
- 18 विषयों पर नगर निगम कानून बना सकते हैं।
- उदाहरण: सड़कें, जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य।\\
- \”12वीं अनुसूची किससे संबंधित है?\” — उत्तर: शहरी स्थानीय निकाय।
3. 42वां CA (1976)
- प्रस्तावना में 3 नए शब्द जोड़े:
- समाजवादी
- धर्मनिरपेक्ष
- अखंडता
- संशोधन का आधार: अनुच्छेद 368 (संसद को संविधान संशोधन का अधिकार)।
- \”धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, अखंडता → 42वां CA (1976) → अनुच्छेद 368
4. अनुच्छेद 17: अस्पृश्यता उन्मूलन
- अधिकार: समता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)।
- जाति आधारित भेदभाव (उदा. \”छूत-छात\”) गैरकानूनी।
- दंड: इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना/जेल।
सम्बंधित अनुच्छेद:
| अनुच्छेद | प्रावधान |
|---|---|
| 14 | कानून के समक्ष समानता |
| 15 | धर्म, जाति, लिंग पर भेदभाव निषेध |
| 16 | सरकारी नौकरियों में समान अवसर |
| 17 | अस्पृश्यता उन्मूलन |
| 18 | उपाधियों का अंत |
संविधान के स्रोत
| प्रावधान | स्रोत देश |
|---|---|
| संसदीय प्रणाली | ब्रिटेन |
| न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) | USA |
| प्रस्तावना (Preamble) | USA |
| विधि का शासन | ब्रिटेन |
| चुनाव प्रणाली | ब्रिटेन |
- वित्त आयोग: 280 (नियुक्ति), 281 (सिफारिशें)।
- 12वीं अनुसूची: शहरी निकाय → 74वां CA (1992)।
- 42वां CA: प्रस्तावना में 3 शब्द + अनुच्छेद 368।
Supreme Court & DPSP
- Article 143 – राष्ट्रपति भी कानून या सार्वजनिक महत्व के किसी भी मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह ले सकते हैं ।
- Supreme Court राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है।
- राष्ट्रपति की तरफ से सलाह लेने वाला होता है Attorney General (Article 76)।
- Attorney General देश का सबसे बड़ा कानून अधिकारी होता है।
- Article 133 – सिविल मामलों के संबंध में उच्च न्यायालयों से अपील में सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार को रेखांकित करता है।
- High Court के फैसले से नाखुश होने पर Supreme Court में अपील कर सकते हैं।
- Directive Principles of State Policy (DPSP) (Articles 36-51)
- DPSP राज्य को नीति निर्देशक तत्व देता है, यानी कानून बनाते वक्त दिशा दिखाता है।
- ये सलाह है, लागू करना जरूरी नहीं।
- कुछ मुख्य आर्टिकल्स:
- Article 40: पंचायती राज
- Article 43: श्रमिकों के लिए जीवन निर्वाह मजदूरी
- Article 44: यूनिफॉर्म सिविल कोड UCC (समान सिविल संहिता)
- Article 45: 0-6 साल के बच्चों को शिक्षा
- Article 48: कृषि एवं पशुपालन
- Article 50: कार्यपालिका और न्यायपालिका का पृथक्करण
- Article 51: अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देने
1. यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) ARTICLE 44
- भारत में सिर्फ दो राज्य हैं जहाँ यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है: गोवा और उत्तराखंड।
- मतलब हिन्दू, मुस्लिम, सिख आदि सभी के लिए एक जैसा सिविल कानून होगा।
2. पंचायती राज (Article 40)
- ग्राम पंचायत को सशक्त बनाना।
- पंचायत मतलब लोकल सेल्फ गवर्नेंस।
3. कृषि एवं पशुपालन (Article 48)
- एनिमल हस्बैन्डरी और कृषि को बढ़ावा देना।
4. संपत्ति का अधिकार
- पहले, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 31 के तहत मौलिक अधिकार था, लेकिन 44वें CA (1978) के बाद इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया। अब, यह अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी अधिकार है.
5. सुप्रीम कोर्ट
अनुच्छेद 124 भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) की स्थापना, संरचना, नियुक्ति, कार्यकाल और हटाने की प्रक्रिया से संबंधित है।
- सुप्रीम कोर्ट Article 124 में आता है।
- सुप्रीम कोर्ट की अपॉइंटमेंट राष्ट्रपति करता है (Article 124)।
- Chief Justice और अन्य जजेस की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है।
- न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक पद पर बने रहते हैं।
- वर्तमान में 52वें Chief Justice नियुक्त हैं (उदाहरण: गवई जी)।
6. आकस्मिक निधि (Contingency Fund) और संचित निधि (Consolidated Fund)
- भारत के फंड दो प्रकार के होते हैं:
- Consolidated Fund (Article 266): मुख्य फंड जहाँ से सभी नियमित खर्चे होते हैं।
- Contingency Fund (Article 267): आकस्मिक/इमरजेंसी फंड, जिसे राष्ट्रपति की सहमति से तत्काल खर्च किया जा सकता है।
- उदाहरण: महामारी, अकाल, भूकंप जैसी इमरजेंसी के लिए रखा गया पैसा।
- ₹100 में से ₹80 Consolidated Fund में और ₹20 Contingency Fund में रखा जाता है।
7. Fundamental Rights
- Part 3 में होते हैं (Article 12 से 35)।
- इन्हें Magna Carta से जोड़ा जाता है।
- Supreme Court को Fundamental Rights का गारंटर माना जाता है।
- अधिकारों का उल्लंघन होने पर सीधे Supreme Court जा सकते हैं।
8. क्षमा करने की शक्ति (Pardoning Power)
- राष्ट्रपति की: Article 72
- गवर्नर की (राज्यपाल): Article 161
9. राष्ट्रपति से जुड़ी अन्य आर्टिकल्स
- प्रधानमंत्री नियुक्ति: Article 75
- राष्ट्रपति की शपथ और अफ़र्मेशन: Article 60 (Implemented 26 Nov 1949)
- उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति न होने पर संभालने वाले: Article 70
- उपराष्ट्रपति की नियुक्ति: Article 65
- अनुच्छेद 214: उच्च न्यायालय (High Court) से संबंधित।
- अनुच्छेद 148: CAG (Controller and Auditor General) – सार्वजनिक धन का ऑडिटर।
- अनुच्छेद 248: अवशिष्ट शक्तियाँ (Residual Powers) – केंद्र सरकार को उन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार देता है जो न तो संघ सूची में और न ही राज्य सूची में और न ही समवर्ती सूची में सूचीबद्ध हैं.
- अनुच्छेद 188: राज्य विधानमंडल के सदस्यों की शपथ से संबंधित।
कार्यकारी शक्तियाँ और सूचियाँ
- अनुच्छेद 53: केंद्र सरकार की कार्यकारी शक्तियाँ।
- संघ सूची (Union List): 100 वस्तुएं
- राज्य सूची (State List): 61 वस्तुएं
- समवर्ती सूची (Concurrent List): 52 वस्तुएं
- ये सभी सातवीं अनुसूची (7th Schedule) में हैं।
मूल अधिकार और रिट आदेश
- मूल अधिकारों के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट रिट जारी करता है – अनुच्छेद 32
- उच्च न्यायालय HC रिट जारी करता है – अनुच्छेद 226
अनुसूचियाँ (Schedules)
- 12वीं अनुसूची: नगर निगम, नगरपालिका जैसी स्थानीय शहरी संस्थाएँ।
- 8वीं अनुसूची: भाषाएँ, पहले 14 थीं, अब 22 भाषाएँ हैं।
शिक्षा से संबंधित अनुच्छेद
- राज्य से कहा गया है कि 0 से 6 साल के बच्चों को भी शिक्षा मिलनी चाहिए – अनुच्छेद 45 (निर्देशक सिद्धांत)।
- 6 से 14 साल तक शिक्षा मूल अधिकार है – अनुच्छेद 21A
- समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) – अनुच्छेद 44
स्मारकों का संरक्षण
- राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों (जैसे ताजमहल, लाल किला) का संरक्षण – अनुच्छेद 49।
संविधान के भागों
- राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत (DPSP) – भाग 4, अनुच्छेद 36 से 51 तक।
- मूल अधिकार – भाग 3, अनुच्छेद 12 से 35 तक।
- मूल कर्तव्य – भाग 4A, अनुच्छेद 51A।
- नागरिकता – भाग 2, अनुच्छेद 5 से 11 तक।
1. शिक्षा और आर्थिक हितों का प्रमोशन
- कमजोर वर्ग (Specially SC & ST) के शिक्षा और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना आता है Directive Principles of State Policy (DPSP) के तहत।
- DPSP Article 36-51 में हैं।
- Article 46 — अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए विशिष्ट रूप से महत्वपूर्ण है। यह अनुच्छेद, राज्य को समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने और उन्हें सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचाने के लिए निर्देशित करता
2. Article 29 & 30
- Minorities (अल्पसंख्यक) के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों के लिए।
3. 5th Schedule
- SC/ST के लिए विशेष प्रशासनिक प्रावधान।
- राज्यों में इन समूहों के लिए स्पेशल प्रशासनिक नियम।
4. President के संसद को संबोधित करने का अधिकार
- Article 85: संसद के सत्र के बारे में, तीन सत्र होते हैं: बजट सेशन, मानसून सेशन, विंटर सेशन।
- Article 86: राष्ट्रपति को संसद के किसी भी सदन या दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करने का अधिकार देता है
- संसद के सदन: लोकसभा (Article 81) और राज्यसभा (Article 80)।
5. समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code)
- Article 44 में है।
- DPSP का हिस्सा है।
6. Special Provisions for States (Article 371 series)
- 371A: नागालैंड
- 371B: असम
- 371C: मणिपुर
- 371D & 371E: आंध्र प्रदेश
- 371F: सिक्किम
- 371G: मिजोरम
- 371H: अरुणाचल प्रदेश
- 371I: गोवा
- 371J: कर्नाटक
- Article 200: राष्ट्रपति द्वारा यूनियन टेरिटरीज के लिए रेगुलेशन्स बनाने का अधिकार।
7. हाई कोर्ट जजों की शपथ
- Article 219 में हाई कोर्ट के जजों की शपथ का प्रावधान है।
8. SC/ST के लिए संसद में सीट आरक्षण
- Article 330 से 342 तक पार्ट 16 में।
- Article 330 लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण से संबंधित है
- अनुच्छेद 330
- लोकसभा में एससी (Scheduled Castes) और एसटी (Scheduled Tribes) के लिए सीटों का आरक्षण करता है।
- अनुच्छेद 108
- संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की संयुक्त बैठक (Joint Session) का प्रावधान।
- जब दोनों सदनों के बीच कानून पास करने में मतभेद हो, तो राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाते हैं।
- संयुक्त बैठक का अध्यक्ष लोकसभा का स्पीकर होता है।
- अनुच्छेद 243 जी
- पंचायतों की शक्तियों, अधिकारों और जिम्मेदारियों से संबंधित।
- अनुच्छेद 263
- अंतर-राज्य विवादों को सुलझाने के लिए अंतर-राज्य परिषद का गठन।
- अनुच्छेद 169
- राज्यों में विधान परिषद के गठन का प्रावधान।
- राज्य सूची
- स्थानीय महत्व के विषय राज्य सूची में आते हैं। जैसे:
- कृषि आय (Agriculture Income)
- सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता (Public Health and Sanitation)
- केंद्र सूची में बैंकिंग, बीमा आदि आते हैं।
- स्थानीय महत्व के विषय राज्य सूची में आते हैं। जैसे:
- अनुच्छेद 110
- धन विधेयक (Money Bill) से संबंधित।
- धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। राज्यसभा केवल 14 दिनों के अंदर इसे स्वीकृत या अस्वीकृत कर सकती है, लेकिन उसका वीटो नहीं होता।
- अनुच्छेद 111
- राष्ट्रपति की वीटो शक्ति।
- अनुच्छेद 112
- बजट से संबंधित प्रावधान।
- अनुच्छेद 326
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Suffrage), यानी 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिक वोट डाल सकते हैं।
- अनुच्छेद 243 B
- अनुच्छेद 243B, भारत के संविधान का भाग IX (पंचायतों) का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो पंचायतों के गठन के बारे में बताता है। यह अनुच्छेद प्रावधान करता है कि प्रत्येक राज्य में ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर पंचायतों का गठन किया जाएगा।
- अनुच्छेद 243 C
- पंचायतों की संरचना (Composition of Panchayats) से संबंधित।
- अनुच्छेद 43 बी
- सहकारी समितियों (Cooperative Societies) से संबंधित।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- संयुक्त बैठक राष्ट्रपति बुलाते हैं और इसका अध्यक्ष लोकसभा का स्पीकर होता है।
- धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश होता है।
- पंचायतों के अधिकार अनुच्छेद 243 से संबंधित हैं।
- अंतर-राज्य विवादों के समाधान के लिए अनुच्छेद 263 में अंतर-राज्य परिषद का प्रावधान है।
- सार्वभौमिक मताधिकार अनुच्छेद 326 में है।
भाषाएँ और कार्यवाही:
- उच्च न्यायालयों में कार्यवाही की भाषा: इंग्लिश
- संविधान की अनुसूची 8 (Schedule 8): 22 अनुसूचित भाषाएँ
- साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त अतिरिक्त भाषाएँ: इंग्लिश और राजस्थानी
1. (संविधान) में ली गई बातें और उनके स्रोत
| विषय | संविधान में लिया गया | स्रोत (देश/व्यवस्था) |
|---|---|---|
| प्रस्तावना (Preamble) | प्रस्तावना | यूएसए (USA) |
| संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) | संसदीय प्रणाली | यूनाइटेड किंगडम (UK) |
| उपराष्ट्रपति राज्यसभा अध्यक्ष होते हैं | उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति होते है | यूएसए (USA) |
| मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) | मौलिक अधिकार | यूएसए (USA) |
| न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) | न्यायिक समीक्षा | यूएसए (USA) |
| Directive Principles of State Policy (DPSP) | DPSP | आयरलैंड (Ireland) |
| मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) | मौलिक कर्तव्य | रूस (USSR/रशिया) |
| आपातकाल (Emergency Provisions) | आपातकाल प्रावधान | गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 |
| आपातकाल में मौलिक अधिकार निलंबित | आपातकाल में मौलिक अधिकार निलंबित – अनुच्छेद 359 | जर्मनी के वाइमर संविधान से |
2. मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)
- मौलिक कर्तव्य का समावेशन:
- 42वें CA 1976 द्वारा
- Part 4ए में जोड़े गए, आर्टिकल 51A के तहत।
- शुरुआत में कुल 10 मौलिक कर्तव्य जोड़े गए।
- 11वां मौलिक कर्तव्य:
- शिक्षा का अधिकार (Right to Education) – अनुच्छेद 21A
- इसे 2002 में 86वें CA से जोड़ा गया।
- शिक्षा का अधिकार:
- मौलिक कर्तव्य भी है,
- मौलिक अधिकार भी है,
- और सरकार की जिम्मेदारी भी (DPSP)।
3. महत्वपूर्ण तथ्य
- मौलिक कर्तव्य रूस (USSR) से लिए गए हैं।
- प्रस्तावना USA से ली गई है।
- संसदीय प्रणाली UK से ली गई है।
- मौलिक अधिकार USA से लिए गए हैं।
- न्यायिक समीक्षा USA से ली गई है।
- आपातकाल (Emergency) के प्रावधान गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 से लिए गए हैं।
- मौलिक अधिकार की आपातकाल के दौरान सीमित करने की व्यवस्था जर्मनी के वाइमर संविधान से ली गई है।
4. प्रमुख संविधान संशोधन
| संविधान संशोधन | वर्ष | मुख्य तथ्य |
|---|---|---|
| 42वां CA | 1976 | मौलिक कर्तव्य (10) जोड़े गए, पार्ट 4ए में आर्टिकल 51ए जोड़ा गया। |
| 86वां CA | 2002 | शिक्षा का अधिकार (11वां मौलिक कर्तव्य) जोड़ा गया।- अनुच्छेद 21A |
5. महत्वपूर्ण
- इमरजेंसी के दौरान फंडामेंटल राइट्स को निलंबित किया जा सकता है।
- आपातकाल की अवधारणा भारत में ब्रिटिश गवर्नमेंट एक्ट से आई है।
- सरदार स्वर्ण सिंह समिति — मौलिक कर्तव्यों के संदर्भ में।
महत्वपूर्ण संशोधन और अवधारणाएँ
1. (संपत्ति का अधिकार) का संशोधन
- पहले: आर्टिकल 31 के तहत मौलिक अधिकार था।
- अब: आर्टिकल 300 ए में स्थानांतरित होकर कानूनी अधिकार बना दिया गया।
- कौन सा संशोधन: 44वां CA (1978) ने इसे मौलिक अधिकार से कानूनी अधिकार में बदला।
2. नगर निगम और पंचायतों
- 73वां संविधान संशोधन: पंचायती राज को शेड्यूल 11 में जोड़ा गया।
- 74वां संविधान संशोधन: नगर निगम (म्युनिसिपलिटीज) को शेड्यूल 12 में जोड़ा।
3. संविधान के किस हिस्से को संशोधित नहीं किया जा सकता?
- संविधान के अधिकांश भागों में संशोधन संभव है।
- प्रीअम्बल (संविधान प्रस्तावना) और डीपीएसपी (Directive Principles of State Policy) में संशोधन संभव है।
- जुडिशियल रिव्यू का अर्थ:
- सरकार द्वारा बनाए गए कानून संविधान के अनुसार हैं या नहीं, यह न्यायपालिका (हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट) जांचती है।
4. मौलिक अधिकार में महत्वपूर्ण संशोधन
- 86वां संविधान संशोधन (2002): शिक्षा के अधिकार (Right to Education) को आर्टिकल 21 ए के तहत मौलिक अधिकार बनाया।
- आर्टिकल 39 ए जोड़ा गया: समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता सुनिश्चित करना।
5. जाति / जनजाति को अनुसूचित जाति सूची में शामिल या बाहर करने का अधिकार
- अनुच्छेद 341: भारतीय संसद को अनुसूचित जाति की सूची में जाति को शामिल या बाहर करने का अधिकार देता है।
6. भारतीय संविधान का एकात्मक विशेषता
- एकात्मक विशेषता में केंद्र सरकार के पास अधिक शक्तियाँ होती हैं।
- उदाहरण:
- ऑल इंडिया सर्विसेज: जैसे IAS, IRS
- नियुक्ति केंद्र सरकार करती है लेकिन सेवा राज्य को दी जाती है।
- ऑल इंडिया सर्विसेज: जैसे IAS, IRS
- एकात्मक विशेषता की विशेषताएँ:
- स्ट्रांग सेंटर (मजबूत केंद्र)
- प्रतिनिधित्व में असमानता हो सकती है।
- ऑल इंडिया सर्विसेज केंद्र द्वारा नियंत्रित होती हैं।
7. संक्षिप्त नोट्स: याद रखने योग्य बातें
| विषय | संशोधन/अनुच्छेद | मुख्य बिंदु |
|---|---|---|
| राइट टू प्रॉपर्टी [संपत्ति का अधिकार] | 44वां संविधान संशोधन (1978) | मौलिक अधिकार से कानूनी अधिकार में बदला |
| नगर निगम/पंचायती राज | 74वां/73वां संविधान संशोधन | स्थानीय शासन को संवैधानिक मान्यता |
| शिक्षा का अधिकार | 86वां संविधान संशोधन (2002) | शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया |
| अनुसूचित जाति सूची | अनुच्छेद 341 | संसद को जाति को सूची में जोड़ने/निकालने का अधिकार |
1. संविधान का स्वरूप (Flexible or Rigid)
- भारतीय संविधान फ्लेक्सिबल (लचीला) भी है और हार्ड (कठोर) भी।
- फ्लेक्सिबल का मतलब है कि संविधान को परिस्थितियों के अनुसार बदला या संशोधित किया जा सकता है।
- संविधान के कुछ हिस्से आसानी से संशोधित हो सकते हैं, जबकि कुछ हिस्से कठोर हैं।
2. कार्यकारी शक्तियाँ (Executive Powers)
- राज्य की कार्यकारी शक्तियाँ (Executive Powers of State): गवर्नर के पास होती हैं।
- केंद्र की कार्यकारी शक्तियाँ: राष्ट्रपति के पास होती हैं।
- अनुच्छेद 154 के तहत ये कार्यकारी शक्तियाँ निर्धारित हैं।
3. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)
- सर्वोच्च न्यायालय का प्रावधान अनुच्छेद 124 में है।
4. पंचायत के लेखों का ऑडिट (Audit of Panchayat Accounts)
- पंचायत के खातों के ऑडिट से संबंधित अनुच्छेद 243C है।
5. संविधान संशोधन अधिनियम (Constitutional Amendment Act) और मंत्री संख्या
- अधिकतम मंत्रियों की संख्या: लोकसभा के 15% तक।
- दिल्ली के लिए विशेष नियम: दिल्ली में अधिकतम मंत्रियों की संख्या विधानसभा के 10% तक।
- यह नियम 91वें संविधान संशोधन अधिनियम (2003) के तहत लागू है।
- दिल्ली में केंद्रीय विभागों के कारण मंत्रियों की संख्या कम होती है।
6. प्रमुख संविधान संशोधन अधिनियम
- 100वां CAअधिनियम (2015): भारत-बांग्लादेश सीमा समायोजन।
- 101वां CA अधिनियम: जीएसटी (GST) से संबंधित।
7. संघवाद (Federation) और ड्यूल सिटीजनशिप (Dual Citizenship)
- संयुक्त राज्य अमेरिका और स्विट्जरलैंड जैसे संघीय राज्य दोहरी नागरिकता की अनुमति देते हैं।
- भारत में केवल राष्ट्रीय नागरिकता होती है, राज्यों की नागरिकता नहीं होती।
- भारत का संविधान संघात्मक व्यवस्था पर आधारित है, परंतु ड्यूल सिटीजनशिप नहीं मानता।
8. नागरिकता से संबंधित अनुच्छेद (Citizenship Articles)
- अनुच्छेद 7 हमें बताता है कि जो व्यक्ति 1 मार्च, 1947 के बाद भारत से पाकिस्तान चला गया, उसे भारतीय नागरिक नहीं माना जाएगा।
- अनुच्छेद 5, 6, 7, 8 नागरिकता से संबंधित प्रमुख प्रावधान हैं।
1. नागरिकता – अनुच्छेद 7
- अनुच्छेद 7 के अनुसार:
- जो लोग भारत के नागरिक थे लेकिन 1 मार्च 1947 के बाद पाकिस्तान चले गए, वे भारत के नागरिक नहीं माने जाएंगे।
- जो पाकिस्तान गए और बाद में भारत लौटे, उन्हें भारत का नागरिक माना जाएगा।
- जो विदेशी देश में थे और बाद में भारत लौटे, उन्हें भी भारत की नागरिकता दी जाएगी।
- 1 मार्च 1947 महत्वपूर्ण तिथि है, इसके बाद पाकिस्तान जाने वाले को भारतीय नागरिक नहीं माना गया।
2. संविधान के मौलिक (Fundamental) फीचर्स
- संघवाद (Federalism): भारत में संघीय प्रणाली स्थापित है।
- मौलिक अधिकार (Fundamental Rights): अनुच्छेद 12 से 35 तक।
- संसदीय शासन (Parliamentary form of government): लोकसभा और राज्यसभा।
- सामंतवाद को बढ़ावा देना संविधान का हिस्सा नहीं है। यह संविधान की एक गुप्त विशेषता भी नहीं है, बल्कि संविधान समानता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है.
पंचायत व्यवस्था – अनुच्छेद 243E
- अनुच्छेद 243E पंचायतों के कार्यकाल (Duration of Panchayats) से संबंधित है।
- पंचायतों का कार्यकाल सामान्यतः 5 वर्ष का होता है।
निजता का अधिकार (Right to Privacy)
- निजता का अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में फंडामेंटल राइट के रूप में मान्यता दी। (जस्टिस केएस पुत्स्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस)
- यह अधिकार अनुच्छेद 21 (\”जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार\”) के तहत आता है।
- निजता का अधिकार है: फोन पासवर्ड पूछना या जांचना वैध नहीं।
अनुच्छेद 336— एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए विशेष प्रावधान करता है।
अनुच्छेद 262—– भारत में राज्यों के बीच नदी विवाद (Inter-State River Disputes) का समाधान
74वां संविधान संशोधन अधिनियम (74th Amendment Act)
- इस संशोधन ने 12वां अनुसूची संविधान में जोड़ा।
- 12वीं अनुसूची में नगर निगम (Municipal Corporations), नगर पंचायत (Municipalities) आदि का विवरण है।
- यह अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों के लिए है।
- नगर पंचायत वह क्षेत्र है जो गांव और शहर के बीच ट्रांजिशनल एरिया होता है।
11वां अनुसूची (Schedule)
- 11वीं अनुसूची में ग्राम पंचायतों के अधिकार और कार्य शामिल हैं।
- इसमें 29 आइटम्स शामिल हैं जिन पर ग्राम पंचायत कानून बना सकती हैं।
- यह अनुसूची पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित है और इसे 1992 में जोड़ा गया था।
सारांश
| विषय | अनुच्छेद / संशोधन | मुख्य बिंदु |
|---|---|---|
| नागरिकता | अनु. 7 | 1 मार्च 1947 के बाद पाकिस्तान जाना नागरिकता प्रभावित करता है। |
| मौलिक अधिकार | अनु. 12-35 | राइट टू प्राइवेसी को 2017 में मान्यता मिली। |
| संघवाद | संविधान की मूल विशेषता | भारत संघीय ढांचा है। |
| पंचायत | अनु. 243 E | पंचायत का कार्यकाल 5 वर्ष। |
| नगर निकाय | 74वां संशोधन | 12वीं अनुसूची में नगर निकायों का विवरण। |
| ग्राम पंचायत | 11वीं अनुसूची | 29 विषयों पर अधिकार। |
| नदी विवाद | अनु. 262 | राज्यों के बीच नदी विवाद समाधान। |
महिला आरक्षण:
- 73 और 74वें CA अधिनियम (Constitution (73rd & 74th Amendment Acts) ) ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 1/3 (33%) सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया है।
- ग्राम पंचायत चुनाव हर 5 साल में होते हैं।
संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद (Articles):
| अनुच्छेद | विषय | विवरण |
|---|---|---|
| अनुच्छेद 21 | जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (Right to Life and Personal Liberty) | इसमें Right to Privacy भी शामिल है। |
| अनुच्छेद 12 | राज्य की परिभाषा | \’राज्य\’ किसे कहते हैं, स्पष्ट करता है। |
| अनुच्छेद 22 | गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ संरक्षण | पुलिस को वारंट दिखाना होता है, वकील से बात का अधिकार, 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना। |
| अनुच्छेद 31[संपत्ति अधिकार] | संपत्ति अधिकार (अब हटाया गया) | इसे अब अनुच्छेद 300A में रखा गया |
| अनुच्छेद 21A | शिक्षा का अधिकार (Right to Education) | 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए। यह 86वें संविधान संशोधन अधिनियम (2002) से जुड़ा है। |
संसद की संविधान संशोधन शक्ति:
- 24वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 के द्वारा संसद को संविधान संशोधन करने का संवैधानिक अधिकार मिला।
मौलिक अधिकार और DPSP (Directive Principles of State Policy) में अंतर:
| विषय | मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) | DPSP (निर्देशात्मक सिद्धांत) |
|---|---|---|
| प्रकृति | कानूनी और न्यायालय में लागू (Justiciable) | नैतिक और राजनैतिक (Non-justiciable) |
| उद्देश्य | व्यक्तिगत कल्याण (Individual welfare) | सामाजिक एवं सामूहिक कल्याण (Social & Community welfare) |
| लोकतंत्र | राजनीतिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं | सामाजिक एवं आर्थिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं |
प्रस्तावना (Preamble):
- संविधान की आत्मा (Soul of the Constitution) मानी जाती है।
- प्रस्तावना में संविधान के उद्देश्य और मूल्य बताए गए हैं।
- इसे \’Soul of Constitution\’ कहा जाता है।
Article 32 और Fundamental Rights का हृदय (Heart and Soul)
- आर्टिकल 32: Fundamental Rights के उल्लंघन पर कोर्ट द्वारा जारी आदेश को रिट कहते हैं।
- इसे हर्ट एंड सोल (Heart and Soul) यानी आत्मा एवं दिल कहा जाता है।
- आर्टिकल 32 Fundamental Rights का हिस्सा है।
आर्टिकल 226 के तहत हाई कोर्ट भी रिट जारी कर सकता है।
पंचायती राज को भारतीय संविधान के भाग 9 में शामिल किया गया है और इसे संविधान में शामिल करने वाला संशोधन 73वां संविधान संशोधन अधिनियम (1992) है।इस संशोधन के साथ ही 11वीं अनुसूची को भी जोड़ा गया
- पहला संविधान संशोधन 1951 में हुआ।
- इसमें नौवीं अनुसूची (Ninth Schedule) जोड़ी गई, जो भूमि सुधार (Land Reform) से संबंधित है।
- सिक्किम को भारत के संघ में जोड़ा गया था 36वें संविधान संशोधन एक्ट (1975) से।
124वाँ संविधान संशोधन विधेयक था, जो बाद में 103वें संविधान संशोधन अधिनियम के रूप में पारित हुआ। इसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण प्रदान किया
102वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया
61वें संविधान संशोधन एक्ट (1988) — वोटिंग AGE कम कर के 21 से 18 वर्ष किया गया। यह 1989 से लागू हुआ।
56वाँ संविधान संशोधन (1987) के तहत गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। इस संशोधन के तहत दमन और दीव को केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के रूप में बनाए रखा गया. गोवा भारत का 25वां राज्य बन गया
15. राष्ट्रपति का चुनाव (Electoral College)
- राष्ट्रपति का चुनाव तीन स्तरीय इलेक्ट्रोरल कॉलेज द्वारा होता है:
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- विधान परिषद के सदस्य चुनाव में शामिल नहीं होते।
1. लघु उद्योग समिति (Small Scale Industries Committee) – 1955
- इसे करवे समिति (Karve Committee) भी कहा जाता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य था ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए लघु उद्योगों का उपयोग करना।
- करवे समिति ग्रामीण और लघु उद्योगों के विकास की संभावना पर ध्यान देती है।
2. शहरी स्थानीय सरकार (Urban Local Bodies) का संविधानिक ढांचा
- शहरी स्थानीय सरकार में नगर निगम (Municipal Corporation) और म्युनिसिपालिटीज (Municipalities) आती हैं।
- शहरी स्थानीय निकायों के लिए संविधान में 74वें संशोधन अधिनियम (74th Constitutional Amendment Act) लागू किया गया है।
- यह अधिनियम शहरी स्थानीय सरकारों के लिए सामान्य ढांचा प्रदान करता है।
3. लोकसभा की सीटों में वृद्धि
- 31वें संविधान संशोधन अधिनियम से लोकसभा की सीटें 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गईं।
- कभी-कभी प्रश्न में 41वें या 45वें संशोधन से भ्रम हो सकता है, लेकिन सही उत्तर 31वां संशोधन है।
4. दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित होना
- दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल करने वाला संशोधन था 69वां संविधान संशोधन अधिनियम।
- दिल्ली को राजधानी बनने की घोषणा 1911 में हुई थी (दिल्ली दरबार के दौरान जॉर्ज पंचम द्वारा)।
5. जीएसटी (GST) और पहला राज्य जिसने इसे अपनाया
- जीएसटी 2017 में लागू हुआ था।
- पहला राज्य जिसने जीएसटी की पुष्टि की वह था असम।
6. शिक्षा का अधिकार (Right to Education)
- 86वें संविधान संशोधन अधिनियम से शिक्षा का अधिकार दो जगह संविधान में शामिल किया गया:
- आर्टिकल 21ए (Fundamental Right)
- आर्टिकल 51ए (Fundamental Duty)
7. मौलिक अधिकार और लिंग आधारित भेदभाव
- अगर किसी महिला अधिकारी को लिंग के आधार पर पदोन्नति से वंचित किया जाता है तो यह आर्टिकल 15 का उल्लंघन है।
- आर्टिकल 15 लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकता है।
- राइट टू इक्वालिटी (Right to Equality) में आर्टिकल 14 से 18 आते हैं।
8. राइट टू फ्रीडम (Right to Freedom) के अंतर्गत कौन-कौन से अधिकार आते हैं?
- आर्टिकल 19 से 22 तक राइट टू फ्रीडम के अंतर्गत आते हैं।
- मुख्य अधिकार:
- बिना हथियारों के शांतिपूर्ण सभा (Assembly) करना
- भारत के भीतर कहीं भी स्वतंत्र घूमना
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech and Expression)
- धार्मिक स्वतंत्रता (Freedom of Religion) आर्टिकल 25 के तहत आता है, जो राइट टू फ्रीडम में शामिल नहीं है।